भारत से दुश्मनी के बाद एक-एक बूंद को तरस रहा मालदीव, चीन के सामने गिड़गिड़ाया तो मिली राहत…

भारत से दुश्मनी के बाद एक-एक बूंद को तरस रहा मालदीव, चीन के सामने गिड़गिड़ाया तो मिली राहत…

भारत से पंगा ले चुके मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के कदम उनके देश की जनता पर दिन प्रतिदिन भारी पड़ रहे हैं।

2014 के बाद फिर से मालदीव पर बड़ा जल संकट गहरा गया है।

मालदीव के लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। हालांकि 2014 में भारत ने तब संकटमोचक बनकर मालदीव में ऑपरेशन नीर चलाकर पानी उपलब्ध कराया था।

इस बार जल संकट से खुद को बचाने के लिए मालदीव ने भारत नहीं चीन से मदद मांगी। चीन की शरण में जा चुकी मुइज्जू सरकार के गिड़गिड़ाने पर जिनपिंग ने राहत के दरवाजे खोले। चीन की सरकार ने मालदीव को 1500 टन पीने योग्य पानी दान किया है।

यह पानी चीन को तिब्बत के ग्लेशियरों से जमा किया हुआ था।

मालदीव में पानी की भारी कमी को दूर करने के लिए चीन की शी जिनपिंग सरकार ने तिब्बत में ग्लेशियरों से प्राप्त 1500 टन पीने का पानी दान किया है।

यह दान मालदीव को चीन के चल रहे समर्थन के हिस्से के रूप में आया है। नवंबर 2023 में मालदीव के राष्ट्रपति की कुर्सीं संभालने के बाद मालदीव ने भारत से पंगा लेकर चीन से दोस्ती की तरफ कदम बढ़ाए थे।

मालदीव के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को जानकारी दी कि पीने के पानी की खेप सफलतापूर्वक उस तक पहुंच गई है।

मालदीव के मुताबिक, चीन का यह फैसला तिब्बत में चीनी प्रतिनिधि और अध्यक्ष यान जिनहाई की माले यात्रा के दौरान चर्चा का परिणाम है। उस वक्त जल संकट में मालदीव की तरफ से मदद का आह्वान किया गया था।

मुइज्जू चीन से तीन बार मांग चुके मदद
मालदीव को चीन की ओर से मदद का यह पहला मामला नहीं है। साल की शुरुआत में जब भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद भारतीयों ने मालदीव जाने का बहिष्कार करना शुरू किया था तो पर्यटन पर निर्भर मालदीव को चीन से मदद मांगनी पड़ी थी।

मालदीव ने चीन की सरकार से मांग की थी कि वे अपने लोगों से मालदीव की यात्रा करने के लिए कहें। इसी साल मार्च में मालदीव ने चीन के साथ सैन्य समझौता किया था। जिसमें चीन की सेना मालदीव को सैन्य उपकरणों की ट्रेनिंग देगी।

जब भारत ने मालदीव में चलाया ऑपरेशन नीर
मालदीव का ज्यादातर हिस्सा मूंगा चट्टानों और रेतीली चट्टानों से बना हैं। समुद्र के खारे पानी से घिरा मालदीव अक्सर जलवायु परिवर्तन के कारण भूजल और मीठे पानी की अत्यधिक कमी का सामना करता रहता है।

दिसंबर 2014 में, माले जल और सीवरेज कंपनी परिसर में भीषण आग लगने के बाद मालदीव में गंभीर जल संकट आ गया था। तब भारत ने मालदीव में ‘ऑपरेशन नीर’ चलाया था।

भारतीय विमानों ने 375 टन पीने का पानी पहुंचाया, दो भारतीय जहाजों, आईएनएस दीपक और आईएनएस शुकन्या ने लगभग 2,000 टन पानी पहुंचाया। इससे मालदीव के लोगों बड़ी राहत मिली थी।

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