रोहतक। हरियाणा सरकार के सामाजिक आर्थिक आधार पर अतिरिक्त अंक देने के फैसले को कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया और इन अंकों को गलत ठहराया। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को नए सिरे से रिजल्ट जारी करने के आदेश दिए थे। इसको लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची और वहां हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी, लेकिन वहां से भी सरकार को करारा झटका लगा। इसके बाद विपक्षी नेताओं ने भाजपा को रोजगार के मुद्दे पर घेरना शुरू कर दिया है।
रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सीईटी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से स्पष्ट है कि बीजेपी सरकार नौकरी देना तो दूर, सही ढंग से नियम भी नहीं बना सकती न ही उनकी अदालत में मजबूती से पैरवी कर सकती है। आज हालत ये है कि भीषण बेरोजगारी झेल रहा हरियाणवी युवा BJP सरकार की दोषपूर्ण नीतियों का शिकार हो रहा है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार जानबूझकर ऐसे लचर नियम बनाती है कि वो कोर्ट में टिक ही न पाएं और इन्हें रद्द कर कौशल विकास निगम की आड़ में पक्की नौकरी, मेरिट और आरक्षण को पूरी तरह समाप्त कर कम मेहनताने पर मनमानी भर्ती कर युवाओं को शोषण के रास्ते पर ढकेल दिया जाए।