किम जोंग उन ने खो दिया अपना सबसे बड़ा वफादार, तानाशाह के पिता संग जमाते थे शराब की महफिल…

किम जोंग उन ने खो दिया अपना सबसे बड़ा वफादार, तानाशाह के पिता संग जमाते थे शराब की महफिल…

 उत्तरी कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन फैमिली के सबसे वफादार राजनेता किम की नाम का निधन हो गया है।

वह 94 साल के थे। किम की नाम उत्तरी कोरिया में वो शख्स थे, जिसने किम जोंग उन की फैमिली की दो पीढ़ियों तक सेवा की।

उनका किम की फैमिली से खून से रिश्ता नहीं था लेकिन, वह 70 के दशक से उत्तरी कोरिया में महत्वपूर्ण पदों पर रहे।

उन्हें उत्तरी कोरिया में प्रोपेगेंडा मास्टर भी कहा जाता था। ऐसा कहा जाता है कि किम की नाम की मौजूदा तानाशाह उन के पिता के साथ इतनी घनिष्ठता थी, दोनों की कई बार शराब के साथ महफिल जमती थी।

उनके निधन के बाद उत्तरी कोरिया में शोक की लहर दौड़ गई है। किम जोंग उन उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
 
उत्तरी कोरिया की सरकारी मीडिया ने बुधवार को जानकारी दी कि उनके देश के पूर्व प्रचार मास्टर किम की नाम का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया है।

उन्होंने 7 मई को आखिरी सांस ली। सरकारी मीडिया केसीएनए ने कहा कि आखिरी वक्त में उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, वह 2022 से अपना इलाज चला रहे थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि किम की नाम के निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। सार्वजनिक कार्यक्रमों में लोगों ने उन्हें श्रंद्धांजलि दी। खुद तानाशाह किम जोंग उन उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान लोगो को रोते हुए भी देखा गया।

किम जोंग उन के पिता के साथ जमती थी महफिल
किम की नाम उत्तरी कोरिया में बड़ा नाम था। उन्होंने दशकों तक किम फैमिली की सेवा की। वह किम जोंग उन के पिता के समय से देश के लिए प्रचार अभियान प्रमुख के तौर पर थे।

उन्हें उत्तरी कोरिया में प्रोपेगेंडा विभाग की कमान सौंपी हुई थी। 1966 में अपनी सेवा शुरू करते हुए किम की नाम ने 2017 में रिटायरमेंट लिया।

उनका कथित तौर पर किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल के साथ घनिष्ठ संबंध था, कई मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि दोनों की कई बार रात के वक्त शराब की महफिल जमती थी।

झूठ को सच बनाने में माहिर थे किम की नाम
दक्षिण कोरिया की योनहाप समाचार एजेंसी ने उनकी तुलना नाजी जर्मनी के प्रचार प्रमुख जोसेफ गोएबल्स से की। किम की नाम वो शख्सियत थे, जो किसी झूठ को फैलाकर सच बनाने में माहिर थे।

1966 में उन्हें प्योंगयांग के प्रचार और आंदोलन विभाग का उप निदेशक नियुक्त किया गया था, जहां उन्होंने वर्तमान तानाशाह किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल के साथ मिलकर काम किया।

किम की नाम बाद में विभाग का नेतृत्व करने लगे थे, उन्होंने देश के लिए जमकर प्रोपेगेंडा चलाया। 

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