छत्तीसगढ़ में महिला वोटरों ने भी की जमकर वोटिंग, कांग्रेस की एंटी इनकंबेंसी के कारण हुई करारी हार

छत्तीसगढ़ में महिला वोटरों ने भी की जमकर वोटिंग, कांग्रेस की एंटी इनकंबेंसी के कारण हुई करारी हार

दुर्ग.

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर छत्तीसगढ़ का परिणाम अब धीरे-धीरे साफ होने लगा है। छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस पार्टी 10 लोकसभा सीटों में बड़े अंतराल से पीछे चल रही है। वही 1 सीट कोरबा जहां कांग्रेस बढ़त बनाकर चल रही है। शाम 5 बजे तक अगर लोकसभा के नतीजे पर नजर डालें तो लगभग लगभग लगभग यह तय हो गया है कि कांग्रेस पार्टी प्रदेश की 10 सीटों पर करारी हार हो रही है।

कांग्रेस पार्टी की इस करारी हार के साथ ही कई दिग्गज चुनाव के मैदान में पीछे गए हैं।  जानकारों की माने तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की बड़ी हार की असल वजह एक बार फिर महिला वोटर का जमकर मतदान मतदान करना है। लोकसभा चुनाव के यह परिणाम कांग्रेस पार्टी की एंटी इनकंबेंसी को साफ दिखा रहा है।

कई दिग्गजों ने अपना क्षेत्र छोड़कर दूसरे लोकसभा से लड़ा चुनाव
छत्तीसगढ़ के लोकसभा चुनाव के परिणाम पर अगर नजर डालें तो प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों में से 10 लोकसभा सीटों में कांग्रेस पार्टी को करारी हार झेलनी पड़ रही है। जानकारों की माने तो कहीं ना कहीं इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी के दिग्गजों का अपनी लोकसभा छोड़कर दूसरे क्षेत्रों से चुनाव लड़ना भारी पड़ा है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दुर्ग लोकसभा छोड़कर राजनांदगांव लोकसभा से चुनाव लड़े और हार के करीब पहुंच गए हैं। इसके अलावा दुर्ग जिले से ताल्लुक रखने वाले छत्तीसगढ़ सरकार में पूर्व मंत्री रहे ताम्रध्वज साहू महासमुंद लोकसभा से चुनाव लड़े और उन्हें भी करारी हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा रायपुर और महासमुंद लोकसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता पूर्व मंत्री रहे शिवकुमार डेहरिया जांजगीर-चांपा लोकसभा से चुनाव लड़े और उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा है।

जनता ने एक बार फिर जताया भाजपा पर भरोसा
छत्तीसगढ़ की जनता ने एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी पर भरोसा जताया है। विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत देने के बाद अब लोकसभा के चुनाव में भी जनता ने भारतीय जनता पार्टी पर भरोसा जताते हुए कांग्रेस का प्रदेश से किनारा कर दिया है। लोकसभा चुनाव के जिस प्रकार से नतीजे आए हैं उससे साफ जाहिर होता है कि प्रदेश में महिलाओं ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं से प्रभावित होकर वोट किया है।

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