छत्तीसगढ़ के वनमंत्री ने लगाई मुहर, सुकमा-बीजापुर-नारायणपुर के तेंदूपत्ता संग्राहकों अब नकद भुगतान

छत्तीसगढ़ के वनमंत्री ने लगाई मुहर, सुकमा-बीजापुर-नारायणपुर के तेंदूपत्ता संग्राहकों अब नकद भुगतान

खुश खबरी: छत्तीसगढ़ के वनमंत्री ने लगाई मुहर, तेंदूपत्ता संग्राहकों मिलेगा नकद भुगतान, जानिए क्या है शर्तें
सुकमा/बीजापुर/नारायणपुर.

बस्तर के तीन जिलों में लगातार उठ रही मांगो को लेकर तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए अब राहत की खबर निकलकर आई है। बीजापुर सुकमा और नारायणपुर जिले में अंदरूनी इलाकों के तेंदूपत्ता संग्रहकों के द्वारा तेंदूपत्ता का नगद भुगतान की मांग लगातार उठ रही थी और वनमंत्री से लेकर वन विभाग के आल्हा अफसर तक संग्राहकों के द्वारा पत्राचार कर मांग की जा रही थी।

जिसपर वन मंत्री केदार कश्यप की पहल से आखिरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों की मांग पर मुहर लग गई। अपर सचिव ने सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर के लिए छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक को आदेश जारी किया है। जिसमें छह सूत्रीय शर्तों के अधीन संग्राहकों को तेंदूपत्ता पारिश्रमिक का नगद भुगतान की अनुमति कलेक्टरों को दी है। बता दें कि बस्तर भर में तेंदूपत्ता वन उपज की खरीदी संग्राहकों के माध्यम से की जाती है। जहां हितग्राही तेंदूपत की तोड़ाई कर उसे सरकार द्वारा तय किए गए ठेकेदारों को बेचा जाता है , इन हितग्राहियों का पारिश्रमिक तेंदूपत्ता हितग्राहियों के खाते में किया जाना होता है। लेकिन सुकमा बीजापुर नारायणपुर जिले के ज्यादातर इलाकों में बैंक में खाता ना होना, नेटवर्क , बैंक की दूरी, आवागमन और अशिक्षित होना की वजह से हितग्राहियों को खाते में पैसा लेने में काफी दिक्कतों का सामना उठाना पड़ता है। जिसको लेकर लगातार हितग्राहियों के द्वारा मांग रखी जा रही थी कि उन्हें नगद भुगतान किया जाए इससे पहले भी कई बार हितग्राहियों की मांग पर उन्हें नगद भुगतान किया जाता था।
लेकिन नगद भुगतान की स्थिति में कई बार अशिक्षित हितग्राहियों तक उनका पूरा हक नहीं पहुंच पाता जिस वजह से पैसों के हेरफेर का भी अंदेशा बना रहता है । इन सब को ध्यान में रखते हुए अपर सचिव ने 6 शर्तों के अधीन नगद भुगतान की अनुमति दी है।

जानिए क्या है शर्तें —–
1. नगद भुगतान के लिए कौन से संग्राहक पात्र होंगे इसका निर्धारण कलेक्टर द्वारा किया जाएगा।
2. प्रत्येक प्रकरण का नगद भुगतान कलेक्टर की अनुमति से होगा।
3. समस्त नगद भुगतान की कार्यवाही जिला कलेक्टर के पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण से संपन्न होगी।
4. प्रत्येक जिले में जिला कलेक्टर तथा वन मंडलाधिकारी एवं प्रबंध संचालक जिला यूनियन द्वारा आपसी समन्वय से प्रस्तावित क्षेत्र के अंतर्गत है बाजार या अन्य उपयुक्त स्थान पर कैंप का आयोजन कर संबंधित संग्राहको को तेंदूपत्ता संग्रहण कार्ड में उचित प्रविष्टि कर नगद भुगतान करते हुए पावती प्राप्त करेंगे । नगद भुगतान के पूर्व पर्याप्त प्रचार प्रसार किया जाएगा और नगद भुगतान से संबंधित समस्त कार्य की पूर्ण वीडियोग्राफी करते हुए प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाएगा।
5. संबंधित जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में उपरोक्त कैंप के दौरान संग्राहकों को आवश्यकता अनुसार आधार कार्ड जारी करने बैंक खाता खुलवाने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें इस हेतु सीएससी स्थानीय बैंक आदि से आवश्यक सहयोग प्राप्त किया जाएगा।
6. संग्राहकों के द्वारा प्राप्त बैंक खाता विवरण के अनुरूप संग्राहक सर्वेक्षण सॉफ्टवेयर तेंदूपत्ता पेमेंट सॉफ्टवेयर में आवश्यक पंजीयन आदि जिला यूनियन तथा कस के माध्यम से कराया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।
इन शर्तों के अधीन तत्काल भुगतान प्रदान कर 15 दिन के भीतर पूर्ण किए जाने हेतु अपर सचिव के एल मांझी ने प्रबंध संचालक को निर्देश दिया है।

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