छत्तीसगढ़-बीजापुर के सेड्रा-एड़ापल्ली गांव में नहीं बना आधार कार्ड, दर-दर भटक रहे लोग लेकिन अधिकारी अनजान

छत्तीसगढ़-बीजापुर के सेड्रा-एड़ापल्ली गांव में नहीं बना आधार कार्ड, दर-दर भटक रहे लोग लेकिन अधिकारी अनजान

बीजापुर.

बीजापुर जिले के नेशनल पार्क एरिया के सेड्रा, एड़ापल्ली इलाके के ग्रामीण अपनी पहचान बनवाने दर-दर भटक रहे हैं। वे भोपालपटनम ब्लॉक मुख्यालय भी पहुंचे। उस इलाके में पदस्थ जिम्मेदार कर्मचारियों कि लापरवाही का नतीजा सैकड़ो ग्रामीण भुगत रहे हैं। सरकार के नुमाइंदो नें ग्रामीण आंचलो के ग्रामीणों को यह आदेश तो दे दिया आधार कार्ड बनवाना जरुरी है, नहीं तो सरकार कि योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। लेकिन यह नहीं बताया कि आधार कार्ड कहां और कैसे बनवाएं।

बीजापुर मुख्यालय से करीब 120  किमी दूर से पैदल सफर कर अपने परिवार के साथ 70 किलोमीटर दूर भोपालपटनम पहुंचकर बीते सप्ताह भर से सेड्रा इलाके से ग्रामीण भटक रहे हैं। ग्रामीणों नें कई बार प्रशासन से गांव में आधार कार्ड बनाने की व्यवस्था करवाने के लिए गुहार लगाई है। ग्रामीणों का कहना है कि राशन व दूसरी सरकारी योजनाओं के लिए सरकार के द्वारा आधार कार्ड के अनिवार्य किए जाने के बाद ग्रामीणों में आधार कार्ड बनवाने के प्रति काफी दिलचस्पी है। लेकिन वहां कोई व्यवस्था नहीं होने कि वजह से उन्हें लंबी दूरी पैदल तय कर ब्लॉक मुख्यालय भोपालपटनम आना पड़ता है। उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। ग्रामीण अपने बच्चों व औरतों के साथ आधार कार्ड बनवाने के लिए बड़ी ही जद्दोजहद कर यहां तक पहुंचे हैं। लेकिन यहां सीएससी सेंटर बंद रह रहे हैं। गांव मे अधिकतर ग्रामीणों के पास आधार कार्ड नहीं होने की वजह से वे कई सरकारी योजनाओं से वंचित हो रहे हैं।

पैदल 70 किमी का सफर
नेशनल पार्क इलाके में कच्ची सड़क और पगडंडी रास्तों से पैदल चलकर तहसील मुख्यालय भोपालपटनम पहुंचे। 70 किमी पैदल सफर तय कर यहां पहुंचे ग्रामीण भटक रहे हैं। ग्रामीण सप्ताह भर से अपने पहचान व रिश्तेदारों के यहां रात गुजार रहे हैं। ग्रामीणों नें बताया कि ना खाने का ठिकाना है और ना ही सोने का यहां पर बसे अपने रिश्तेदारों  के यहां रुकना पड़ रहा है।

बच्चे, बुजुर्ग और महिलाओं को उठानी पड़ रही तकलीफ
बीते 13 जून से सेंड्रा, बड़ेकाकलेड ,एडापल्ली पंचायत के दर्जनों ग्रामीण अपने दुधमुहे बच्चों व गर्भवती महिलाओं को लेकर आधार कार्ड बनवाने आये। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से वो सीएससी के चक्कर काट रहे हैं। भोपालपटनम में तीन सीएचसी सेंटर है, जहां आधार कार्ड बनाया जाता है। एक दुकान बंद है और एक दुकान का ऑपरेटर नहीं है और एक के पास टेक्निकल परेशानी की वजह से इनका आधार कार्ड बन नहीं पा रहा है।

बिच्छू ने दस साल की बच्ची को काट लिया
एडापल्ली से आई अनुसूर्या तलांडी को रात में बालक आश्रम में रुकने  दिया गया। रात में बच्ची सोई हुई थी, तभी बिच्छू ने उसे डंक मार दिया। ग्रामीणों ने जड़ी बूटी लगाकर बच्ची का इलाज कर उसे ठीक कर दिया।

इनके नहीं बने आधार कार्ड
ग्राम पंचायत सेंड्रा के लक्ष्मी मेट्टा, समक्का कुरसम, चिड़ेम मासे, इरपे मेट्टा, रेहान कुम्मा, पुष्पा मंडरा, सरस्वती मंडरा, पुष्पा पालदेव, कुमा बिचाबाई, पुनेम शांता, गायत्री गुरला, छोड़े बच्चे- रितिक पालदेव, अजय पालदेव, कार्तिक मड़े, मड़े अश्वनी, कुरसम रितिक, पूजा कुरसम, रोहिणी मेट्टा, इन लोगों के आधार कार्ड नहीं बने हैं। मीडिया ने जब इसकी जनाकारी जनपद पंचायत भोपालपटनम के सीईओ दिलीप उइके को दी। उन्होंने तत्काल सीएचसी सेंटर पहुंचकर उन ग्रामीणों की समस्या को जाना और उन पंचायतों के सचिवों को बुलाकर फटकार लगाई। पास में पोस्ट ऑफिस में आधार कार्ड बनवाने का सुझाव दिया। उन्होंने ग्रामीणों को बालक आश्रम में रुकवाने और भोजन की व्यवस्था करवाने सचिवों को निर्देश दिए हैं।

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