हजारीबाग। कोचिंग संचालक दंपती राहुल और पूजा की हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि उसके पिता ने की थी। इसके लिए पिता ने किराए पर पेशेवर अपराधियों की भी मदद ली थी। राहुल की हत्या शनिवार को ही कर दी गई थी। रविवार को बरकाखुर्द के हेसल गांव से जलाने के लिए आटो रिक्शा से लकड़ी लेकर भी आया था।यह खुलासा शनिवार को इस घटना में शामिल अन्य तीन के गिरफ्तार होने के बाद हुआ। राहुल व पूजा हत्याकांड में अबतक छह लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। इनमें राहुल के पिता ईश्वर मेहता, भाई बबलू मेहता, वाहन चालक विकास सोनी के अलावा परासी गांव के पांडे पोखर मोहल्ला निवासी अमित कुमार, पांडेय मोहल्ला से शशि कुमार पांडेय और दारु झुमरा से सोनू कुमार शामिल हैं।दूसरी ओर शुक्रवार के बाद शनिवार को भी इचाक पुलिस ने राहुल पूजा हत्यारोपियों के निशानदेही पर मुनेश्वर भवन की तलाशी ली गई। शनिवार दोपहर मुनेश्वर भवन जहां पूजा-राहुल की हत्या हुई थी, एक आरोपित को लेकर पुलिस पहुंची। करीब आधे घंटे तक शयनकक्ष, रसोईघर, शौचालय, कोचिंग की कक्षा तथा भवन के ऊपरी तल्ला आदि की जांच कर अहम साक्ष्य जुटाए। इसके बाद पुलिस टीम वापस लौट गई। सूत्रों की मानें तो राहुल के पिता ईश्वर मेहता तीन दशक पहले साधारण मजदूर था।उसके घर की माली हालत ठीक नहीं थी। उसके पिता मजदूरी करते थे और पैसे के अभाव में टीबी से ग्रसित होकर उनकी मौत हो गई थी। गरीबी को देखते हुए ईश्वर का छोटा भाई महरू दिहाड़ी करने मुंबई चला गया। महरु वहीं मेहनत मजदूरी कर पैसा घर भेजता रहा।