नीट पेपर लीक मामले में में आया नया मोड़!

नीट पेपर लीक मामले में में आया नया मोड़!

नीट प्रश्न पत्र लीक जांच की रही आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) बिहार की टीम ट्रांसपोर्टर की भूमिका की गहन जांच कर रही है। ट्रांसपोर्टर ब्लू डार्ट के माध्यम से ही परीक्षा के दो दिन पहले तीन मई को बुलकेट (प्रश्न पत्र) हजारीबाग पहुंचा था, लेकिन ट्रांसपोर्टर ने ट्रक सीधे बैंक पहुंचाने की जगह छह किलोमीटर दूर हजारीबाग बाइपास ओरिया में रोक लिया।

पांच परीक्षा केंद्रों के लिए वहां नौ ट्रंक में बुकलेट को उतारने के बाद टोटो से बैंक पहुंचाया गया था, लेकिन यहां सबसे बड़ी बात यह है कि जांच को पहुंची इओयू की जब ट्रंक की छानबीन की दो ट्रंक के कुंडी अलग-अगल पाए गए। कुंडी की कंपनी भी अलग-अलग थी। संदेश के आधार पर टीम दोनों ट्रंक को सीबीएसइ काॅडिनेटर मो. अहसान की मौजूदगी में जब्त कर पटना ले गई है।

आशंका जताई जा रही है कि ट्रांसपोर्टिंग के दौरान ही प्रश्न पत्र लीक किया हो। तभी परीक्षा के एक दिन यहां आवंटित बुकलेट पटना पहुंच गई, जिसे परीक्षार्थियों को रटवाया जा रहा था। वहीं, ट्रांसपोर्टर की भूमिका की जांच के लिए टीम रांची भी गई थी। वहां उसे कंपनी के वरीय अधिकारी की तलाश थी, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रांची में कंपनी के अधिकारी की टीम से मुलाकात नही हो पाई है। हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नही हो पाई है।

पटना में बरामद हुआ जला बुकलेट नंबर 6136488

पांच मई को आयोजित हुई नीट परीक्षा के एक पहले पटना में जला हुआ बुकलेट नंबर 6136488 बरामद किया गया था। इस बुकलेट हजारीबाग के ओएसिस स्कूल को आवंटित थी, जिस वजह से स्कूल प्रबंधन से भी पूछताछ की गई है, लेकिन यहां तहकीकात में यह बात सामने आई कि इसी बुकलेट नंबर पर ओएसिस स्कूल में एक छात्रा ने परीक्षा दी थी।

यहां एक भी बुलकेट कम नही पहुंचा था, जिसकी रिपोर्टिंग एनटीए को की गई थी। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि ट्रांसपोर्टिंग के दौरान ही गिरोह के लोगों ने बुकलेट को गायब किया। उसकी कापी करवाई और फिर सील कर ट्रंक में डाल दिया। मालूम हो कि इस विद्यालय के संचालक मो. अहसान सीबीएसइ के कॉडिनेटर भी हैं।

बैंक की सामने आई लापरवाही, लगी फटकार

इस पूरे प्रकरण में मेन ब्रांच एसबीआइ बैंक प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। 21 मई को जब जांच के लिए इओयू की टीम बैंक पहुंची तो उन्होंने यहां प्रश्न पत्र आने की बात से ही इनकार कर दिया। टीम को किसी दूसरे बैंक में भेज दिया गया।

पुख्ता जानकारी लेने के बाद टीम वापस बैंक लौटी तो प्रबंधक वीरेंद्र मुंडा को इसके लिए फटकार भी लगाई। उन्होंने फिर कागजात को दिखाने को कहा, लेकिन बैंक के पास प्रश्नों के रिसीविंग के कोई कागजात तक उपलब्ध नही करवा पाए, जिसे टीम ने फिर ट्रांसपोर्ट एजेंसी से बरामद किया। करीब चार घंटे तक यहां छानबीन की गई। उन्हें शो कॉज भी किया गया

पांच मई को सुबह 8.30 बजे बुकलेट पहुंचा था केंद्र

इओयू की टीम ने सभी पांच केंद्रों ओएसिस स्कूल, संत जेवियर्स स्कूल, डीएवी स्कूल में बुकलेट पहुंचने के समय की भी जांच की है। बैंक से यह परीक्षा वाले दिन सुबह करीब 8.30 बजे केंद्रों तक पहुंच गया था। ऐसे में एक दिन पहले पटना में प्रश्न पत्र लीक होने की बात सामने आने यह संभावना जताई जा रही है कि तीन से चार मई के बीच यह खेल हुआ होगा, जिस वजह से ही ट्रांसपोर्टर की भूमिका की गहन जांच की जा रही है।

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