संसद में आज होगी महाभारत!

संसद में आज होगी महाभारत!

नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दूसरे सप्ताह में एनडीए सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक की संभावनाएं हैं। सोमवार को संसद की बैठक फिर से शुरू होगी, जिसमें नीट पेपर लीक विवाद, अग्निपथ योजना और महंगाई जैसे मुद्दों पर गर्मागर्म बहस की उम्मीद है। पहसे पत्र के पहले सप्ताह में विपक्ष नीट पेपर लीक विवाद को लेकर सरकार पर हमलावर था। विपक्ष ने मुद्दों पर आगे भी बहस चाहता है। बता दें कि सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस से होगी। भाजपा हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर इस बहस की शुरुआत करेंगे, जबकि भाजपा की दिवंगत नेता सुषमा स्वराज की बेटी और पहली बार सांसद बनीं बांसुरी स्वराज भी इस बहस में हिस्सा लेंगी। लोकसभा में इस बहस के लिए 16 घंटे आवंटित किए गए हैं, जो मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब के साथ समाप्त होगा। वहीं, राज्यसभा में बहस के लिए 21 घंटे आवंटित किए गए हैं, जिसमें प्रधानमंत्री बुधवार को शामिल हो सकते हैं।
नीट-यूपी पेपर लीक पर विपक्ष ने सरकार को घेरा
संसद सत्र के पहले हफ्ते में विपक्षी दलों ने नीट-यूपी परीक्षा लीक मामले को लेकर जोरदार हंगामा किया। शुक्रवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में कई बार कार्यवाही स्थगित हुई। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने नीट-यूपी विवाद पर बहस की मांग की, लेकिन स्पीकर ने यह कहते हुए अनुरोध को खारिज कर दिया कि जब सदन को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव लेना है, तो किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा का कोई प्रावधान नहीं है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नीट-यूपी मुद्दे को उठाने की कोशिश की, लेकिन उनका माइक बंद होने के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, देश में लगातार पेपर लीक होने से युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है। हमने इस पर चर्चा की मांग की थी और जब सदन में यह मुद्दा उठाया गया तो माइक बंद कर दिया गया।
और तीखी हो सकती है सरकार-विपक्ष के बीच बहस
संसद के इस सत्र में विभिन्न मुद्दों पर गरमागरम बहस की संभावना है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार और विपक्ष के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है। नीट पेपर लीक विवाद, अग्निपथ योजना, और महंगाई जैसे मुद्दे जनता के बीच भी गहन चर्चा का विषय बन गए हैं। अगले कुछ दिनों में संसद की कार्यवाही में सरकार और विपक्ष की प्रतिक्रियाएं देश की राजनीति के भविष्य को प्रभावित कर सकती हैं।

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