भोपाल। प्रदेश में गोवंश के अवैध परिवहन पर छह माह में 575 से अधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस की कार्रवाई में 1121 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। करीब 342 वाहन जब्त किए गए और 7524 गोवंश को मुक्त कराया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर राज्य में गोवंश के वध और खुले में मांस की बिक्री व अवैध परिवहन पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में मध्य प्रदेश पुलिस तत्परता से कार्रवाई कर रही है। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर प्रत्येक जिले में पुलिस ने अपने खुफिया तंत्र को सक्रिय किया और निगरानी स्वरूप परिवहन मार्ग चिन्हित कर त्वरित कार्यवाही की, जिसके उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री के पदभार ग्रहण करने के बाद दिसंबर 2023 में पुलिस मुख्यालय में आयोजित बैठक के दौरान पुलिस को प्रदेश में गोवंश के अवैध परिवहन पर कठोरता से कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे।
गोवंश वध करने नागपुर से आए थे
पुलिस ने सिवनी जिले में अलग-अलग थाना क्षेत्रों में गोवंश का वध करने वाले सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सिवनी जिले में गोवंश का वध करने की साजिश महाराष्ट्र के नागपुर में रची गई थी। गोवंश का वध करने के लिए आरोपियों को पैसे का लालच दिया गया था। इसमें स्थानीय लोगों की भी मिलीभगत पाई गई है। घटना के बाद अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने अलग-अलग टीमों का गठन किया। पुलिस मुख्यालय भोपाल से भी मामले की लगातार निगरानी की जा रही थी, ताकि सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के लिए इस तरह के जघन्य अपराध को कारित करने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी शीघ्र हो सके।
गोवंश का अवैध परिवहन करने वालों के घर चला बुलडोजर
गोवंश का अवैध परिवहन और गौवध करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। पुलिस के सहयोग से प्रशासन द्वारा आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। रतलाम जिले के जावरा में मंदिर में गोवंश के अवशेष फेंकने वाले चार आरोपियों के घर ढहाए जा चुके हैं। इसी तरह सिवनी जिले में गौवध करने वाले तीन आरोपियों के 4 घरों पर भी बुलडोजर चलाया जा चुका है। मुरैना के नूराबाद में गोवंश की हत्या करने के मामले में आरोपियों के मकान जमींदोज किए गए थे।
प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में पुलिस रख रही विशेष नजर
पुलिस को अवैध परिवहन पर गोपनीय स्तर पर निगाह रखना आवश्यक था। इसलिए पुलिस मुख्यालय ने विगत 10 वर्षों के गोवंश के अवैध परिवहन के ट्रेंड और रूट्स का गहन विश्लेषण कर कार्ययोजना तैयार की, जिसके आधार पर पुलिस को यह स्पष्ट हुआ कि मप्र के दक्षिण व पश्चिम के सीमावर्ती जिले जैसे बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, उज्जैन, रतलाम, नीमच आदि जिले गोवंश के अवैध परिवहन से सर्वाधिक प्रभावित हैं। इन सभी क्षेत्रों में पुलिस तत्परता से ध्यान पूर्वक लगातार कार्यवाही कर रही है। यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि कई बार गोवंश का अवैध परिवहन करने वाले अपराधी मुख्य मार्गों से हटकर जंगल व गांव के कच्चे रास्ते से गोवंश निकालने का प्रयास करते हैं। इस ओर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है तथा कई प्रकरणों में आरोपी इन स्थानों से पकड़े गए हैं।
छह माह में कार्रवाई
सिवनी जिले में 55 प्रकरण दर्ज किए गए। 99 आरोपियों को पकड़ा। वहीं, 1301 गोवंश का मुक्त कराया गया और 38 वाहन जब्त किए गए। इसी प्रकार बालाघाट जिले में 48 प्रकरण दर्ज कर 105 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। बैतूल में 40 प्रकरण दर्ज कर 71 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। खरगोन में 34 प्रकरण दर्ज कर 60 आरोपियों और नीमच में 23 प्रकरण दर्ज कर 38 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।