इंदौर। इंदौर में विशेष बच्चों के एक आश्रम की गड़बड़ियों को लेकर प्रशासन की उच्च स्तरीय समिति की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि गुजरे पांच दिनों के दौरान इस संस्थान में पांच नहीं, बल्कि 6 बच्चों की मौत हुई है। प्रशासन के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि आश्रम में सबसे पहले दम तोड़ने वाले आठ वर्षीय बच्चे की मौत की जानकारी प्रशासन से छिपाते हुए उसके शव को उसके परिजनों को सौंप दिया गया था और उसे दफनाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया था।
जांच समिति में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि शहर में एक गैर सरकारी संगठन द्वारा संचालित श्री युगपुरुष धाम बाल आश्रम में 8 वर्षीय अंकित गर्ग की 29 और 30 जून की दरम्यानी रात मौत हुई थी।
उन्होंने बताया, आश्रम प्रबंधन ने इस बच्चे की मौत की जानकारी प्रशासन को नहीं दी थी। उसके शव को उसके परिजनों को सौंप दिया गया था और एक स्थानीय श्मशान में उसका दफनाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया था। अधिकारी ने बताया कि आश्रम प्रबंधन का दावा है कि आठ वर्षीय बच्चे की मौत मिर्गी से हुई थी, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
गर्ग की मौत की वजह पूछे जाने पर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया, आश्रम प्रबंधन द्वारा इस बच्चे की मौत के बारे में प्रशासन को जानकारी नहीं दिए जाने के कारण उसके शव का पोस्टमॉर्टम नहीं कराया जा सका था। इसलिए अभी नहीं कहा जा सकता कि उसकी मौत का क्या कारण रहा होगा।
कलेक्टर ने बताया कि गर्ग की मौत की जानकारी प्रशासन से छिपाए जाने और अन्य गड़बड़ियों को लेकर उन्होंने आश्रम के संचालकों को नोटिस जारी कर पूछा है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामला क्यों नहीं दर्ज कराया जाए? उन्होंने बताया कि उच्च स्तरीय समिति की अंतरिम जांच रिपोर्ट के आधार पर आश्रम प्रबंधन से तीन दिन के भीतर नोटिस का जवाब तलब किया गया है और जवाब मिलने के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे।
कलेक्टर सिंह ने बताया कि आश्रम में क्षमता से अधिक बच्चों को भर्ती किए जाने, बच्चों का मेडिकल रिकॉर्ड वैज्ञानिक ढंग से नहीं रखे जाने और संस्थान के रख-रखाव की अन्य गड़बड़ियों का भी जांच में खुलासा हुआ है, लिहाजा कुछ बच्चों को अन्य संस्थाओं में भेजे जाने पर विचार किया जा रहा है।
कलेक्टर ने बताया कि फिलहाल, अस्पताल में 48 बच्चे भर्ती हैं। जिनमें से 13 बच्चे स्वस्थ हैं, जिन्हें आज डिस्चार्ज किया जा सकता है। रात को 5 और बच्चों को भर्ती कराया गया, जिनका इलाज चल रहा है। सभी बच्चों को डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जांच के दौरान पाया गया है कि पानी के पाइप में जंग लगा हुआ था। ऊपर रखी टंकी लंबे समय तक साफ नहीं हुई थी। प्राथमिक जांच में पानी और भोजन में अनियमितता सामने आई है। इससे बच्चों की तबीयत बिगड़ गई।
आश्रम संचालिका डॉ. अनीता शर्मा ने बताया कि आश्रम में 204 बच्चे हैं। यहां मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों से लाए गए बच्चों को रखा गया है। आश्रम में क्षमता से दोगुने बच्चे रखे गए। इनके रहने और खाने की व्यवस्था में घोर लापरवाही सामने आई है।