नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से बात की। मोदी ने लेबर पार्टी की उल्लेखनीय जीत के लिए स्टार्मर को बधाई देते हुए उन्हें जल्द ही भारत आने का निमंत्रण भी दिया। चर्चा के दौरान दोनों नेताओं ने महत्वाकांक्षी भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में काम करने पर सहमति जताई, जो कई दौर की कूटनीतिक वार्ताओं के बाद भी लंबित है।
लेबर पार्टी ने आम चुनाव में 650 संसदीय सीटों में से 412 सीटें जीतकर जीत हासिल की थी। ऋषि सुनक की अगुवाई वाली कन्जरवेटिव पार्टी की 14 साल की सत्ता को धराशाई करने के बाद सत्ता में लौटी लेबर पार्टी के रूख में पहले की तुलना में भारत के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव आया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को याद किया और भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने और आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। दोनों नेताओं ने पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते के शीघ्र समापन की दिशा में काम करने पर सहमति जताई।
नेताओं ने ब्रिटेन के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास में भारतीय समुदाय के सकारात्मक योगदान के बारे में भी बात की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा ब्रिटेन के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास में भारतीय समुदाय के सकारात्मक योगदान की सराहना करते हुए, दोनों पक्षों ने लोगों के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देने के लिए सहमति व्यक्त की।
पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- कीर स्टार्मर से बात करके खुशी हुई। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने पर उन्हें बधाई दी। हम अपने लोगों की प्रगति और समृद्धि तथा वैश्विक भलाई के लिए व्यापक रणनीतिक साझेदारी और मजबूत भारत-ब्रिटेन आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
स्टार्मर ने अतीत में लेबर और भारत के बीच तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने की कोशिश की है। उन्होंने माना था कि अगर लेबर अगली सरकार बनाती है, तो भारत के साथ एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी बनाने की आवश्यकता है, जो जल्द ही एक वास्तविकता होगी।
स्टार्मर ने भारत के साथ संबंधों को संभालने में लेबर पार्टी द्वारा की गई पिछली गलतियों को भी स्वीकार किया है, खासकर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के पक्ष में पार्टी के कथित रुख को लेकर। उन्होंने आगे बढ़ते हुए भारत के साथ उचित संबंध विकसित करने के महत्व पर जोर दिया है।