नई दिल्ली। मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट को 23 जुलाई को पेश करने की तैयारी कर रही है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नामचीन अर्थशास्त्रियों से लंबी चर्चा की। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के अफसर भी मौजूद थे। इन सबके बीच चर्चा इसकी है कि इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट का फोकस युवाओं, किसानों, महिलाओं और मध्यमवर्ग के साथ ही नौकरीपेशा लोगों पर रहने वाला है।
चर्चा है कि इस बार के बजट में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री कई अहम कदमों का एलान अपने बजट में कर सकती हैं। सरकारी पदों को भरने की दिशा में भी कदम उठाया जा सकता है। इसकी वजह ये है कि हाल के लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा बनी थी। इसके अलावा युवाओं के लिए स्किल आधारित कई कार्यक्रम भी मोदी सरकार शुरू कर सकती है।
किसानों पर भी मोदी सरकार हर बार की तरह सौगात की बौछार अपने बजट में कर सकती है। किसान सम्मान निधि को हर साल 6000 रुपए की जगह 10000 या 12000 रुपए किया जा सकता है। इसके अलावा खेती के काम आने वाले यंत्रों पर भी टैक्स की दर कम करने का काम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने बजट में घोषित कर सकती हैं।
महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए बजट में एलान हो सकता है। साथ ही महिलाओं के हाथ हर महीने कुछ रकम आ सके, इसकी व्यवस्था भी बजट में होना संभव है। मनरेगा में काम के दिन और इसकी दर भी बढ़ाए जाने की उम्मीद बजट से है। इसके अलावा चर्चा है कि मध्यमवर्ग और नौकरीपेशा को राहत देने के लिए नई और पुरानी इनकम टैक्स व्यवस्था में कर छूट का एलान वित्त मंत्री कर सकती हैं।
सबसे बड़ी चर्चा इसकी है कि नई पेंशन योजना में बदलाव कर आखिरी सैलरी का 50 फीसदी पेंशन दिए जाने का एलान भी हो सकता है। लोकसभा चुनाव में नई पेंशन योजना भी बड़ा मुद्दा बनी थी और सरकारी कर्मचारी लंबे समय से इस योजना की जगह पुरानी पेंशन योजना देने की मांग कर रहे हैं। पुरानी पेंशन योजना में आखिरी सैलरी का 50 फीसदी पेंशन तय होती थी और इसके अलावा हर साल 2 बार सरकार की तरफ से डीए भी दिए जाने का प्रावधान था।