इसके लिये राज्य शासन द्वारा गठित की जायेगी समिति – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
डॉ. यादव लोकमाता देवी अहिल्याबाई उत्सव में हुए शामिल
इंदौर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई के आदर्शों, सिद्धांतों, व्यक्तित्व और कृतित्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिये राज्य शासन द्वारा समिति का गठन किया जायेगा। इस समिति के माध्यम से लगातार कार्यक्रम होंगे। समिति गठन के संबंध में शीघ्र ही आदेश जारी किये जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई हम सबकी आदर्श और प्रेरणा स्त्रोत है। देवी अहिल्याबाई ने जनहितैषी और ममतामयी विशेष शासन व्यवस्था से देश में विशेष पहचान स्थापित की है। वे सनातन धर्म की बड़ी संवाहक रही हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज यहां इंदौर में पुण्य सलिला देवी अहिल्याबाई होलकर की 229 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित गुणीजन सम्मान, पुरस्कार वितरण एवं पुण्य स्मरण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों में काम करने वाले श्रीयुत श्रीकांत वासुदेव को गुणीजन सम्मान प्रदान किया। अहिल्या उत्सव के दौरान एक माह तक विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किये। डॉ. यादव ने अहिल्या उत्सव पर आयोजित माँ अहिल्याबाई होलकर की पालकी यात्रा का पूजन किया और उन्होंने बड़ी श्रद्धा के साथ पालकी को अपने कांधों पर थामकर यात्रा की शुरूआत की। उन्होंने माँ अहिल्याबाई होलकर के चित्र पर श्रद्धासुमन भी अर्पित किये।
इस अवसर पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, सांसद श्री शंकर लालवानी, महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, शिव गंगा अभियान के प्रमुख श्री महेश शर्मा,श्री यशवंतराव होलकर (तृतीय) विशेष रूप से मौजूद थे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इतिहास में इंदौर का विशेष स्थान रहा है। यहां देवी अहिल्याबाई होलकर जैसी न्यायप्रिय, कुशल संगठक, कुशल प्रबंधक, संघर्षशील, धर्मप्रिय एवं उद्दतभाव वाली ममतामयी शासक रही हैं। इन्होंने अपनी शासन व्यवस्था से देश में विशेष पहचान कायम की है। उन्होंने भगवान शिव को आराध्य मानकर साथ में रखा और शासन व्यवस्था चलायी। उनके द्वारा महिला सशक्तिकरण और जल संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में किये गये कार्य आज भी हमारे लिए प्रेरणा के स्त्रोत है। उन्होंने सम्पूर्ण राष्ट्र में सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यों को बढ़ावा दिया है। उनका व्यक्तित्व, कृतित्व, आदर्श और सिद्धांत हमारे लिये प्रेरणास्पद है। उनके इन आदर्शों, सिद्धांतों, व्यक्तित्व और कृतित्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिये राज्य शासन द्वारा समिति का गठन किया जा रहा है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने कहा कि पुण्य सलिला देवी अहिल्याबाई होलकर ने जल संरक्षण के क्षेत्र में हमें नई दिशा दिखायी है। उनके इन कार्यों से प्रेरणा लेकर हमने इंदौर जिले में अभियान चलाकर जनभागीदारी से 200 से अधिक तालाबों का गहरीकरण कराया है। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई का उत्सव समाज का उत्सव है। इस उत्सव में समाज के हर वर्ग, हर जाति, हर धर्म, हर आयु वर्ग के लोग पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ शामिल होते हैं। माँ अहिल्याबाई के पुण्य प्रताप का लाभ इंदौर को हमेशा मिलता रहा है। उन्होंने कहा कि उनके बताये मार्गों और सिद्धांतों पर चलकर हम सब इंदौर को नई ऊंचाईयों पर ले जाएंगे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में अहिल्या उत्सव समिति के कार्यकारी अध्यक्ष श्री अशोक डागा ने स्वागत उद्बोधन दिया।