पीएम मोदी ने आईटीयू सम्मेलन का किया उद्घाटन

पीएम मोदी ने आईटीयू सम्मेलन का किया उद्घाटन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी मंगलवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) द्वारा आयोजित विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (डब्ल्यूटीएसए) और इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) के आठवें संस्करण का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम भारत के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि पहली बार आईटीयू-डब्ल्यूटीएसए की मेजबानी भारत और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में की जा रही है। यह सभा हर चार साल में आयोजित की जाती है, जिसमें वैश्विक दूरसंचार तकनीकों के भविष्य और उनकी दिशा पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं।

इस वैश्विक कार्यक्रम में 190 से अधिक देशों के 3,000 से अधिक नीति-निर्माता, उद्योग जगत के नेता और तकनीकी विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं। ये सभी दूरसंचार, डिजिटल और आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, सम्मेलन में 6जी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), बिग डेटा और साइबर सुरक्षा जैसी अगली पीढ़ी की महत्वपूर्ण तकनीकों पर चर्चा की जाएगी, जिससे वैश्विक प्रौद्योगिकी के मानकों का निर्धारण होगा।

इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) के आठवें संस्करण का आयोजन भी इस बार डब्ल्यूटीएसए के साथ किया गया है। आईटीयू के एक अधिकारी के अनुसार, पिछले साल की तुलना में इस बार आईएमसी में भाग लेने वाले देशों, प्रदर्शकों और स्टार्टअप्स की संख्या दोगुनी हो गई है। आईएमसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामकृष्ण पी ने बताया कि इस बार 120 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है, जो इसे एशिया के सबसे बड़े प्रौद्योगिकी एक्सपो और वैश्विक डिजिटल परिवर्तन के क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करेगा।

डब्ल्यूटीएसए 2024 के दौरान प्रतिनिधि दूरसंचार और डिजिटल क्रांति से जुड़े कई प्रमुख विषयों पर चर्चा करेंगे, जिसमें 6जी नेटवर्क, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आईओटी और साइबर सुरक्षा जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के मानकों का निर्धारण किया जाएगा। इस सम्मेलन से भारत को वैश्विक तकनीकी नेतृत्व में एक नई पहचान मिलने की उम्मीद है, जिससे देश डिजिटल परिवर्तन और नवाचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटित यह सम्मलेन न सिर्फ भारत को वैश्विक मंच पर उभारेगा, बल्कि दूरसंचार और डिजिटल नवाचार के क्षेत्र में भारत के नेतृत्व को भी मजबूत करेगा।

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